Gramin Dak Sevak (GDS) क्या होता है और कैसे बन सकते है

 इस लेख में Gramin Dak Sevak क्या होता है?, ग्रामीण डाक सेवक कैसे बने, ग्रामीण डाक सेवक बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए, GDS बनने के लिए उम्र सीमा तथा इनका कार्य और वेतन क्या होता है समस्त जानकारी आज हम देने वाले है इसलिए आप हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहे। 


Gramin Dak Sevak (GDS) क्या होता है 

GDS का मतलब Full Form ग्रामीण डाक सेवक होता है।अपने देखा होगा की लगभग सभी गावो में या शहरों में डाकघर होते है व एक सरकारी कर्मचारी जिसे ग्रामीण डाक सेवक (GDS) भी कहते है, सभी प्रकार के पत्रों को सम्बंधित व्यक्ति तक घर घर जाकर पहुंचने का कार्य करते है। दरअसल ग्रामीण डाक सेवक को हम डाकिया भी कह सकते हैं। 

अधिकांश देखा गया है, कि ग्रामीण परिवेश में योजनाओं की जानकारी समय पर नहीं हो पाती है, जिससे बहुत से लोग योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते है, इसलिए सरकार ने ग्रामीण डाक सेवक (GDS) पद पर भर्ती करने का निर्णय लिया है।

देश के सभी लोगो तक सरकार की योजनाओ को पहुँचाने के लिए पोस्ट विभाग के द्वारा Gramin Dak Sevak (GDS) के पदों पर भर्ती की जाती है। 

Gramin Dak Sevak कैसे बने 

अगर आप Gramin Dak Sevak बनना चाहते है, तो आपको उस क्षेत्र की ग्रामीण भाषा की जानकारी होना अनिवार्य है तभी आप ग्रामीण डाक सेवक बन सकते है.

ग्रामीण डाक सेवक के पद पर आवेदन करने के लिए आपका किसी भी मान्यताप्राप्त विधालय से न्यूनतम दसवी उतीर्ण होना जरुरी है तभी आप इसके लिए आवेदन कर सकते है

जब आप इसमें आवेदन करते है तो उसके बाद आपके दसवी के अंको के आधार पर आपका चयन Gramin Dak Sevak के लिए किया जाता है

GDS की आयु सीमा 

ग्रामीण डाक सेवक बनने के लिए आपकी उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष होना चाहिए। इसके अलावा आरक्षित वर्ग ST/SC और OBC के उम्मीदवार को सरकार के तरफ से आयु सीमा में कुछ छूट प्रदान की जाती है। 


GaDS के कार्य

ग्रामीण डाक सेवक के कई प्रकार के अलग अलग कार्य होते है जिसमे से मुख्य कार्य है की कोई भी पत्र पोस्ट के माध्यम से आता है तो उसको घर घर जाकर लोगो तक पहुंचाना।


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